Maruti Suzuki Cervo: मारुति सुजुकी का नाम लेते ही भारतीयों के मन में भरोसे की छवि बन जाती है। इस कंपनी ने समय-समय पर ऐसी कारें लॉन्च की हैं, जो हर घर का हिस्सा बन चुकी हैं। चाहे वो ऑल्टो हो, वैगनआर हो या स्विफ्ट, हर किसी ने कभी न कभी इन्हें अपने सपनों की कार माना है। लेकिन आज हम बात करने जा रहे हैं एक ऐसी छोटी, प्यारी और फ्यूल-सेवी कार की जो भारत में तो नहीं आई, लेकिन जापान की सड़कों पर जरूर अपना जलवा बिखेर चुकी है – और वो है Maruti Suzuki Cervo।
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Cervo का छोटा पैकेट
साल 2008 में जापान में लॉन्च हुई Maruti Suzuki Cervo,असल में एक माइक्रो हैचबैक थी। दिखने में छोटी, लेकिन लुक में एकदम स्टाइलिश। इसकी लंबाई महज़ साढ़े तीन मीटर के करीब थी, और इसी वजह से ये कार टाइट ट्रैफिक और छोटे रास्तों के लिए एकदम परफेक्ट मानी जाती थी। इसका फ्रंट डिजाइन कुछ हद तक ऑल्टो जैसा लगता है, लेकिन हेडलाइट्स और ग्रिल का अंदाज़ इसे अलग पहचान देता है।
इसकी छोटी बॉडी और प्यारा सा फेस इसे बहुत ही फ्रेश और यूनीक फील देता था। एकदम ऐसी कार जिसे देखकर लगे – हां, ये गली-मोहल्लों की रानी है।
इंजन छोटा मगर काम बड़ा करता था
अब बात करें इसके दिल यानी इंजन की तो इसमें लगा था एक छोटा लेकिन जानदार 658cc का 3-सिलेंडर इंजन। ये पेट्रोल में आता था और टर्बो वेरिएंट में भी। पावर के मामले में यह इंजन 54 से लेकर 64 हॉर्सपावर तक का आउटपुट देता था। छोटे साइज की कार के लिए ये पावर काफी अच्छा था।
इस कार की सबसे बड़ी खासियत थी इसका माइलेज। लगभग 20 से 25 किलोमीटर प्रति लीटर तक का माइलेज देती थी ये गाड़ी, जो किसी भी मिडल क्लास परिवार के लिए राहत की बात होती। इसका वजन भी हल्का था, जिससे इसकी राइड क्वालिटी हल्की-फुल्की सड़कों और गलियों में शानदार हो जाती थी।
कम्फर्ट और फीचर्स
देखिए, ये कोई लक्ज़री से भरपूर कार नहीं थी, लेकिन जितना चाहिए था, उतना इसमें मौजूद था। AC था ताकि गर्मी में राहत मिले। पावर स्टीयरिंग था जिससे शहर की भीड़भाड़ में चलाना आसान हो जाए। बेसिक म्यूजिक सिस्टम भी था ताकि सफर थोड़ा मज़ेदार लगे। कुछ वेरिएंट्स में ड्राइवर एयरबैग भी मिलता था जो कि सेफ्टी के लिए एक अच्छा कदम था।
सर्वो को पांच-स्पीड मैनुअल और चार-स्पीड ऑटोमैटिक दोनों ऑप्शन में उतारा गया था, जिससे यूज़र को अपनी सहूलियत के हिसाब से ट्रांसमिशन चुनने का मौका मिलता।
तो फिर भारत में क्यों नहीं आई ये कार?
सबसे बड़ा सवाल यही है कि जब इतनी प्यारी और एफिशिएंट कार थी, तो भारत में क्यों नहीं आई? दरअसल, Maruti Suzuki ने भारतीय बाजार के लिए थोड़ा अलग सोच रखी। यहाँ लोगों को थोड़ी बड़ी और प्रैक्टिकल कारें ज्यादा पसंद आती हैं – जैसे कि ऑल्टो, वैगनआर या फिर सैंट्रो। इन कारों में बूट स्पेस, थोड़़ी ऊंचाई और ज्यादा सीटिंग स्पेस मिलता था।
सर्वो की कॉम्पैक्टनेस और कीमत को देखते हुए मारुति ने इसे भारत में नहीं लॉन्च करने का फैसला किया। हो सकता है कि उस समय इसे यहाँ के मार्केट में चलाना रिस्की लगा हो।
क्या आज की तारीख में होती ये कार सक्सेसफुल?
बिलकुल! आज जब लोग छोटी और स्मार्ट कारों की ओर लौट रहे हैं, जैसे कि क्विड या ऑल्टो K10, तो सर्वो भी अपना एक खास स्पेस बना सकती थी। इसका डिज़ाइन मॉडर्न होता, माइलेज जबरदस्त होता और शहरों के लिए परफेक्ट होती।
अगर आपको आज के समय में ऐसी कोई कॉम्पैक्ट, माइलेज देने वाली और सिटी के लिए बनी कार चाहिए, तो सर्वो जैसी कार एक ड्रीम होती।
अंत में कुछ अपने दिल की बात
Maruti Suzuki Cervo, एक ऐसी कार थी, जो भले ही भारत में न आई हो, लेकिन इसकी खूबियों को देखकर लगता है कि अगर इसे यहाँ लॉन्च किया गया होता, तो यह लोगों के दिलों में जगह जरूर बना लेती। इसका डिज़ाइन, परफॉर्मेंस और फ्यूल एफिशिएंसी जैसी बातें भारत के कार लवर्स को जरूर पसंद आतीं।
शायद आज भी कई लोग इंटरनेट पर इसकी झलक देखकर सोचते होंगे – काश ये कार भारत में होती! लेकिन तब तक, हम इसके जैसे अन्य ऑप्शन जैसे ऑल्टो K10 या हुंडई सैंट्रो पर भरोसा कर सकते हैं।
सर्वो भले ही हमारे देश की सड़कों पर न आई हो, लेकिन इसकी कहानी सुनकर ये ज़रूर कहा जा सकता है कि – “छोटी थी मगर दिल जीतने वाली थी!”
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